तीरों की संख्या

मंगलवार, जनवरी 04, 2011

तेरा खेल, मेरा खेल

सलीम के चीखने से
सुरेश रो पड़ा
शांत हो जा बेटे
सलीम की अम्मी ने कहा
तुम दोनों एक ही हवा में साँस लेते हो
एक ही धरती से उपजा हुआ
अन्न ग्रहड़ करते हो
साथ खेलते भी हो
यहाँ तक की
तुम एक जैसा आनंद भी उठाते हो
फिर अचानक क्या बात हुई
कि सलीम जोर-जोर चिल्ला रहा है
और तुम्हारी मासूम आँखों में आंशु आ गए हैं
प्यारा सा बच्चा सुरेश कहता है कि
सलीम ने कहा
मै अल्लाह-अल्लाह वाला ही खेल खेलूंगा
और मैंने कहा
यह भी कोई खेल है
हम शंकर, विष्णु, ब्रम्हा, हनुमान, राम, कृष्ण
दुर्गा वाला खेल खेलेंगे
इसमे आनन्द ही आनंद है
सुरेश की माता भी वहाँ आ चुकी थी
उसकी बातें सुनकर
जन्म देने वाली दोनों माताएं
ही -ही , ही - ही करके हंसनें लगीं
और उनके बीच बिना सुलह करवाए
अचानक गायब हो गयीं

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